Moral story kids
राजा और मुर्ख बन्दर
Foolish monkey
भारत के उत्तर में महिलारोप्य राज्य में शिवकाशी नाम का राजा था | एक बार वह राजा जंगल में शिकार के लिए गया था | शिकार करते वक्त एक बंद राजा के पास आया और राजको पेड़ से निकाला हुआ फल देने लगा | राजा को यह बात बहुत पसंत आयी | और राजा उस बन्दर को अपने महल लेके गया |कुछ ही दिनों में वह बन्दर उस राजा की सदा सेवा करके उस का खास चाकर बन गया और महल में बिना किसी रोकटोक के घूमता था | वो राजाका अत्यंत विश्वासपात्र बन गया था |
The king and foolish monkey |
एक बार जब राजा सो रहा था, तो वह बन्दर पंखा लेकर हवा करने लगा | उसी समय राजी की छाती पर मक्खी बैठ गई | पंखे से बार बार उड़ाए जाने पर भी वह मक्खी फिर वही बैठने लगी | इसलिए चंचल स्वाभाव वाले उस मुर्ख बन्दर ने क्रोधित होकर तेज तलवार लेकर मक्खी पर वर किया | मक्खी तो उड़ गई | पर उस तेज धार वाली तलवार से राजा के दो टुकड़े हो गए | और वह मर गया | इसलिए दीर्घ जीवन चाहने वाले राजा को मुर्ख सेवक नहीं रखना चाहिए |
इससे हमें यह सीख मिलती है की, जिंदगी में हमें उस मुर्ख बन्दर की तरह, बहोत से लोग मिलते है | तब हमें उन्हें यह बताने में अपनी Energy गवानी नहीं है, के वो मुर्ख की तरह बर्ताव कर रहे है | क्यों की इससे कुछ फायदा होता तो नहीं है, बल्कि कुछ नुकसान होनेकी संभावना ज़्यादा है | ऐसे लोगो की मित्रता भी अच्छी नहीं और शत्रुता भी अच्छी नहीं | तो फिर एक ही मार्ग बचता है, ऐसे लोगो से चार हात की दुरी बनाई राखी जाये।
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