Hindi story with moral
ब्राह्मण और तीन भाई
Murkh Brahmin
Brahmin and Goat |
यजमान की हैसियत न होते हुए भी पाई पाई जमाके एक बड़ा बकरा खरदीके ब्राह्मण को दिया | ब्राह्मण मन ही मन खुश हुआ की, यह बकरा बाजार में बेचकर अच्छा पैसा मिलेगा | और उपरसे दक्षिणा भी मिली है | उस यजमान के तीन बेटे थे | वह उस वक्त घर नहीं थे | मगर ब्राह्मण अपने देश बकरा लेकर निकला | उसके कुछ मिनिट बाद ही वह तीन बेटे घर आ गए | वह तीन भाई बहोत ही होशयार थे | उन्हें जब यह बात पता चला तो तीनो ब्राह्मण के पीछे चल पड़े |
बकरा इधर उधर भाग रहा था | इसलिए ब्राह्मण ने उसे पीठ पर लाद दिया |और जल्दी अपने नगर की और चल पड़ा | इस तरह से जब वह जा रहा था तो तीनो भाईयो ने देखा | और वह आपस में कहने लगे इस बकरे को कैसा वापस लिया जाये बिना किसी झगड़े के | उन तीनो ने आपस में कुछ बातचीत की |
और उनमे से एक दूसरे रास्ते से उस ब्राह्मण के सामने आया और कहने लगा, अरे मुर्ख ब्राह्मण ! किसलिए तू हँसी करने वाला काम कर रहा है | इस कुत्ते को कंधे पर उठाकर क्यों लिए जा रहा है ? कुत्ते से प्यार होना गलत नहीं है, मगर अपने बच्चे की तरह उसे कंधे पर नहीं उठाया जाता है | इस पर उसने गुस्से से कहा, "अरे ! क्या तू अँधा है | जो बकरे को कुत्ता बताता है | उस पर वह बोला, "ब्राह्मण ! आप क्रोध न कीजिये | अपनी राह पकड़िए | जैसा चाहे वैसा कीजिये |"
वह जंगल में थोड़ी दूर आगे बढ़ा था, की दूसरे भाई ने सामने आकर कहा, " अरे ब्राह्मण ! बड़े दुःख की बात है | यह मरा हुआ बछड़ा अगर तुझे प्यारा भी है, तो तुझे उसे कंधे पर चढ़ाना ठीक नहीं है | शास्त्रों में कहा ही है, की मरे हुए आदमी और पशु को स्पर्श करने पर नहाना जरुरी होता है | इस पर उसने क्रोधित होकर कहा, "अरे क्या तू अँधा है, जो बकरे को मरा बछड़ा कहता है ? उसने जवाब दिया, "हे ब्राह्मण ! क्रोध मत करिये, मैंने अज्ञान से कहा है | जैसी आपकी इच्छा हो वैसा ही करिये |"
बाद में जब वह जंगल में कुछ आगे बढ़ा तो तीसरा भाई सामने आकर उससे कहने लगा, "अरे, यह ठीक नहीं है, जो तू गधे को कंधे पर चढ़ाकर लिए जा रहा है | फ़ौरन उसे छोड़ दे | गधे को कोई कंधे पे उठाकर चलता है | तू पागल तो नहीं हुआ है | अगर अच्छा गधा हो तो लोग उसपर चढ़कर सवारी करते है | जब तक कोई दूसरा न देखे तब तक फ़ौरन उससे अलग हो जा |"
जब बार बार लोग उसे झूठा बताने लगे तो, वह भी खुद पर ही आशंकित हो उठा | और बकरे को गधा जानकर डर से उसे जमीं पर पटककर अपने घर की तरफ भागा | उन तीनो भाइयो ने मिलकर उस बकरे को ले लिया | और बाजार जाकर उसे बेचकर अपना पैसा लेकर आये |
0 टिप्पणियाँ