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भगवान कृष्ण से दान में मिला सुदर्शन चक्र अश्वत्थामा क्यों न ले सके ? ahswathama and sudarshan chakra

कृष्ण से दान में मिला सुदर्शन चक्र अश्वत्थामा क्यों न ले सके ?
Sudarshan Chakra donated from Lord Krishna could not take Ashwatthama        

दोस्तों क्या आप जानते है सुदर्शन चक्र का निर्माण किसने किया ? क्यों किया ? और भगवान कृष्ण के पास कैसे आया ? कृष्ण को सुदर्शन चक्र किसने दिया ? सुदर्शन चक्र का इतिहास क्या है ? और भगवान कृष्ण से दान में मिला सुदर्शन चक्र अश्वत्थामा क्यों न ले सके

तो दोस्तों ऐसे सभी प्रश्नो के उत्तर और सुदर्शन चक्र से जुडी रोचक बातें आज में आपको बताऊंगा जो जानकर आप भी चौक जांयेंगे


Krishna with sudarshan chakra,Sudarshan chakra image
Krishna with sudarshan chakra


सुदर्शन चक्र का निर्माण किसने किया क्यों किया ?Who created the Sudarshan Chakra? And why?

सुदर्शन चक्र का निर्माण भगवान शिव ने असुर त्रिपुरा का वध करने हेतु किया था | भगवन विष्णू ने १ हजार कमल फूल भगवान शिव को अर्पण करके उनसे सुदर्शन चक्र हासिल किया भगवान विष्णु ने वह चक्र अग्निदेव को प्रदान किया | अग्निदेव ने वरुणदेव को प्रदान किया


परशुराम और सुदर्शन चक्र | Parshuram and sudarshan chakra

वरुण देव ने बाद में वह सुदर्शन चक्र भृगृश्रेष्ठ परशुराम को अर्पण किया भगवान परशुराम ने वह चक्र अपने जीवन काल में एक बार भी इस्तेमाल नहीं किया भगवान परशुराम ने अपने परशुसे ही पराक्रम किया
भृगृश्रेष्ठ परशुराम ने वह सुदर्शन चक्र मन्त्रासहित श्रीकृष्ण को प्रदान किया | बिना मंत्रों के इसे इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, नहीं धारण किया जा सकता है

आइये दोस्तों जानते है सुदर्शन चक्र से जुडी और रोचक बातें 

श्रीकृष्ण ने शृगाल और शिशुपाल का वध करने हेतु सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल किया था | और जब जब सुदर्शन चक्र के नितांत आवश्यकता थी तभी कृष्ण ने सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल किया था

जब श्रीकृष्ण द्वारका में थे, तब द्रोणाचार्य पुत्र अश्वत्थमा कृष्ण से मिलने हेतु द्वारका में गए | अश्वत्थामा के पास बह्मास्त्र और नारायणी अस्त्र थेफिर भी उसे सुदर्शन चक्र की लालसा थी द्रोणपुत्र अश्वत्थामा ने कृष्ण से सुदर्शन चक्र के दर्शन की इच्छा जताई | कृष्ण से सुदर्शन चक्र का दर्शन पाते ही अश्वत्थामा बोले  " द्वारकाधीश अगर में इसका सही अधिकारी हूँ, तो यह चक्र मंत्रोसहित मुझे दे दो | आपका मन अगर सागर जैसा विशाल है, तो इस द्रोणपुत्र अश्वत्थामा को यह सुदर्शन चक्र दान में दे दो | "कृष्ण ने उस चक्र को नीचे जमीनपर रख दिया | फिर मंत्र का उच्चारण करते हुए, उस सुदर्शन चक्र पे अपने हातोंसे  पानी छोड़ दिया | फिर कृष्ण उसे बोले, अश्व्थामा अगर ये सुदर्शन संभाल सकते हो और इसे यहाँसे  अपने साथ ले जा सकते हो तो, ले जाओ | आजसे ये तुम्हारा हो गया |

जरूर पढ़ेकृष्ण के गुरु कौन थे ? और कृष्ण ने उन्हें क्या गुरुदक्षिणा दी ?


कृष्ण ने अश्वथामा का घमंड तोडा | Krishna broke the pride of Ashwathama

अश्वत्थामा खुश होकर सुदर्शन चक्र की और बढ़ा | अपने एक हातसे उस चक्र को उठाने लगा | मगर वह चक्र हिल भी नहीं पा रहा था | उसके पश्च्यात उसने दोनों हातोंसे उस सुदर्शन चक्र को उठाने की कोशिश की | फिर भी वह चक्र १ इंच भी हिल नहीं पा रहा था | वह महावीर अश्वत्थामा अथक कोशिशों के बावजूद, पसीनेसे भीग जाने के बावजूद उस सुदर्शन चक्र को अपने मूलस्थान से हिला भी नहीं पाया | अश्वत्थामा अथक कोशिश करता रहा | आखिर में थक हारकर अपने पर ही शर्मिंदा होकर कृष्ण के पास जाकर उनके चरण पकड़कर बोला  "यह तुम्हारा सुदर्शन तुम्हे ही मुबारक हो | तुम्हारे सिवा अन्य कोई इसका भार नहीं उठा सकता | मुझपर दया करो | और यह सुदर्शन चक्र वापस ले लो |"  कृष्ण मन ही मन अश्वत्थामा की लालसा पर मुस्कुराये और वह सुदर्शन अपने पास ले लिया |    

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