About Chanakya In Hindi
महान विद्वान आचार्य चाणक्य की जीवनी
About Chanakya in Hindi
Chanakya |
चाणक्य का परिचय About Chanakya in Hindi
आचार्य चाणक्य एक ऐसे महान विभुती थे, जिन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता, विद्वता के बल पर भारतीय इतिहास को व्यापक पैमाने पे बदल दिया। आचार्य चाणक्य कुशल राजनीतीज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ और प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विश्व में पहचाने जाते थे, जाते है और पहचाने जाते रहेंगे।
चाणक्य का जीवन चरित्र About chanakya life in hindi
उनको विष्णुगुप्त और कौटिल्य नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है की, आचार्य चाणक्य कुरूप चहरे वाले, काले रंग के और कुर्द स्वभाव वाले ब्राह्मण थे। चाणक्य का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम चणक था। उनकी शिक्षा उस वक्त की महान शिक्षा केंद्र तक्षशिला में हुई। आचार्य चाणक्य तक्षशिला में ही राजनीती शास्त्र के शिक्षक थे। उन्होंने अपने कार्य से सारे विश्व को दिखला दिया, की शिक्षक एक साधारण व्यक्ति नहीं होता, प्रलय और निर्माण उसकी गोद में खेलते है।
आचार्य चाणक्य जा जन्म 375 BC के करीब हुआ। और उनकी मृत्यु 283 BC के करीब हुई। आज 2300 साल गुजरने के बाद भी चाणक्य द्वारा बताये गए सिद्धांत और नीतियाँ आज भी हम अपने जीवन में लागु करके अपनी जिंदगी और मानवीय कल्याण हेतु उपयोग में ला सकते है।
चाणक्य द्वारा लिखे ग्रंथो की विशेषताएं About Chanakya in hindi (Books)
उनके द्वारा लिखे गए चाणक्य निति, कौटिल्य शास्त्र से हमें गृहस्थाश्रम से लेकर राजनीती तक का ज्ञान और निति का बोध होता है। उनके लिखे गए शास्त्रों में, हर इंसान जो किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हो और जीवन के हर पड़ाव पे हमें किस तरह जीना है, या किस तरह नहीं जीना है, इसका समृद्ध ज्ञान हमें मिलता है।
मानवी जीवन का ऐसा कोई पड़ाव , कठिनाई और समस्या है ही नहीं , जिस बारे में आचार्य चाणक्य ने अपनी निति और ज्ञान दिया नहीं है।
आचार्य चाणक्य का जीवन कार्य About chanakya in hindi (life work)
About Chanakya in hindi
About Chanakya In Hindi
आचार्य चाणक्य ने एक चरवाहे को अपना शिष्य बनाया था। उसे अपने साथ तक्षशिला ले गए। वहाँ आचार्य चाणक्य ने उसे वेद शास्त्रों से लेकर युद्ध और राजनीती की शिक्षा दी। उस चरवाहे का नाम था चन्द्रगुप्त मौर्य।
आचार्य चाणक्य के अपने कूटनीति और विद्वता के बल पर सिकंदर का साम्राज्य, जो भारत के उत्तर में फैला हुआ था, उसे जड से उखाड़ दिया।
आचार्य चाणक्य ने भारत की उस वक्त की सबसे बड़े मगध साम्राज्य के नन्द वंश (राजा धनानंद ) को जड़ से उखाड़ दिया। और वहाँ चन्द्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य स्थापित किया। बाद में आचार्य चाणक्य ने चन्द्रगुप्त मौर्य का इतना बड़ा विशाल साम्राज्य स्थापित किया जो, आज के अफगानिस्तान से लेकर पश्चिम में बंगाल तक और दक्षिण में कर्नाटक, केरल तक फैला हुआ था। आचार्य चाणक्य राजा चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। फिर भी उन्होंने एक छोटी सी कुटिया में अपना जीवन यापन किया।
उन्होंने अपने जीवन काल में इतना कुछ हासिल किया है, जो सम्पूर्ण मानव इतिहास में शायद ही किसीने हासिल किया होगा। चाणक्य निति बहोत लोग पढ़ते है, लेकिन उसका सही अर्थ बहोत ही कम लोग समझ पाते है। बाकि सब तो अपने हिसाब से, अपने परिपेक्ष में, या अपनी जरुरत के हिसाब से उसका अर्थ लगाते है।
आचार्य चाणक्य के "चाणक्य निति " में कुल सत्रह अध्याय है। दोस्तों आपको यह सत्रह अध्याय पढ़ने चाहिए ताकि आप अपने जीवन हर कठिनाई को आसानी से पार कर सके। दोस्तों यह लेख ( About Chanakya in Hindi ) आपको कैसा लगा। आप नीचे Comment करके बताये।
1 टिप्पणियाँ
Nice Article, Thank you for sharing a wonderful blog post, I loved your blog post.
जवाब देंहटाएंYou can also check - Biography of Chanakya